हिमाचल में शराब के ठेके एक बार फिर नीलाम होने जा रहे हैं। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद आबकारी कराधान विभाग ने पालिसी को अंतिम रूप देने पर काम शुरू कर दिया है। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को इस बार करीब 150 करोड़ रुपए का मुनाफा की संभावना है।
दरअसल, बीते वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार की मंजूरी से आबकारी कराधान विभाग ने शराब के ठेकों की नीलामी से 2700 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय किया था, जबकि इस बार इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2850 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
आबकारी कराधान विभाग ठेकों की नीलामी 20 मार्च के बाद शुरू करेगा और पहली अप्रैल से नए आदेश लागू हो जाएंगे।आबकारी कराधान विभाग ने इस बार पालिसी में शराब तस्करी पर नकेल कसने के कई पैमाने तय किए हैं। इनमें हिमाचल में शराब के दाम पंजाब से कम रखने की बात भी शामिल है, ताकि पड़ोसी राज्य से होने वाली शराब तस्करी पर लगाम कसी जा सके।
हिमाचल में शराब के पंजाब और हरियाणा से सस्ती मिलने के आसार हैं। ठेकेदारों को नीलामी में हिस्सा लेने के लिए अंग्रेजी शराब की बिक्री का लाइसेंस एल-2, एल-14 और एल-14ए और देसी शराब के लिए टेंडर फीस जमा करवानी होगी और यह फीस वापस नहीं की जाएगी। एक ठेकेदार एक ही ठेके के लिए एक से ज्यादा आवेदन नहीं कर पाएगा।
हिमाचल में 2100 शराब ठेके
गौरतलब है कि हिमाचल में 2100 शराब ठेके हैं। भाजपा के समय दस प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ शराब के ठेकों की नीलामी होती रही है, जबकि कांग्रेस ने इसमें बदलाव लाकर ठेकों को दस प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ नीलाम करने की प्रक्रिया .को बंद कर दिया और अब ठेकों की नीलामी की जा रही है। सरकार ने नीलामी से सरकार को ज्यादा राजस्व हासिल होने की बात कही है।
कैबिनेट में मिली है मंजूरी

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगवाई में कैबिनेट मीटिंग में ठेकों को नीलाम करने की मंजूरी दे दी गई है और इस बार 2850 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य तय किया गया है।
Himachal: 150 crore profit from auction of liquor shops
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