रांची झारखंड का पहला जिला है जिसने नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) (NAFLD) के लिए बड़े पैमाने पर जांच और प्रबंधन अभियान शुरू किया है। NAFLD, जिसे अब मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टेटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) कहा जाता है, शराब के अत्यधिक सेवन के बिना लिवर में वसा के निर्माण के कारण होता है।
इसके विपरीत, अल्कोहल-एसोसिएटेड लिवर डिजीज अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है। प्रारंभिक चरण का NAFLD हानिरहित है, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह सिरोसिस और लिवर फेलियर का कारण बन सकता है। इससे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और किडनी रोग का खतरा बढ़ जाता है। नॉन-अल्कोहोलिक स्टेटोहेपेटाइटिस (NASH) इसका गंभीर रूप है, जो लिवर कैंसर का कारण बन सकता है।
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