Establishment of princely state of Jubbal

Establishment of princely state of Jubbal :  जुब्बल रियासत की स्थापना उग्रचंद के पुत्र और शुभंश प्रकाश के भाई कर्म चंद ने 1195 ई. में की थी। जुब्बल रियासत शुरू में सिरमौर रियासत की जागीर थी जो कि गोरखा-ब्रिटिश युद्ध के बाद स्वतन्त्र हो गई। कर्म चंद ने जुब्बल रियासत की राजधानी सुनपुर में स्थापित की जिसे बाद में उन्होंने पुराना जुब्बल में स्थानांतरित किया। जुब्बल रियासत की राजधानी पुराना जुब्बल से देवरा (वर्तमान जुब्बल) राणा गौर चन्द ने स्थानांतरित की।

गोरखा आक्रमण के समय पूर्ण चंद जुब्बल रियासत के शासक थे। जुब्बल रियासत 1815 ई. को स्वतंत्र रियासत बनी। राणा पूर्णचंद को ब्रिटिश सरकार ने ‘राणा’ की उपाधि प्रदान कर (1815 ई. में) स्वतंत्र सनद प्रदान की। जुब्बल रियासत में 1841 ई. में थरोच, 1896 ई. में रावीं और ढाढी को मिलाया गया। पूर्णचंद के बाद राणा कर्मचंद शासक बने जो कला प्रेमी होने के साथ-साथ कठोर और क्रूर शासक थे। जुब्बल रियासत के शासक भक्तचंद को 1918 ई. में “राजा” का खिताब प्रदान किया गया था। जुब्बल रियासत के अंतिम शासक दिग्विजय चन्द थे। जुब्बल को 15 अप्रैल, 1948 ई. में महासू जिले में मिलाया गया।

Author: Ram Bhardwaj