Describe the role of freedom movement in Himachal Pradesh

Table of Contents

उन निर्धारकों के बारे में लिखें जिन्होंने हिमाचल प्रदेश की राजनीति को आकार दिया? (Write about the determinants that shape the politics of Himachal Pradesh.

Describe the role of Himachal Pradesh in freedom movement
Describe the role of Himachal Pradesh in freedom movement

or

स्वतन्त्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश की भूमिका व्यक्त कीजिए। (Describe the role of Himachal Pradesh in freedom movement.)

हिमाचल प्रदेश पश्चिमी भारत में स्थित राज्य है। यह उत्तर में जम्मू और कश्मीर, पश्चिम तथा दक्षिण पश्चिम में पंजाब, दक्षिण में हरियाणा व उत्तर प्रदेश, दक्षिण पूर्व में उत्तराखण्ड तथा पूर्व में तिब्बत से घिरा है। ‘हिमाचल’ प्रदेश का शाब्दिक अर्थ ‘बर्फीले पहाड़ों का आंचल’ हैं। हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है।

 

आंग्ल गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश शासन के अन्तर्गत आ गया। सन् 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा। सन् 1950 में इस राज्य को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया। परन्तु 1971 में ‘हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971’ के अन्तर्गत इसे 25 जून, 1971 में भारत का अठारवां राज्य बना दिया गया।

 

वर्ष 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान ‘इन पहाड़ी रियासतों में भी क्रान्ति की शुरुआत हुई। वर्ष 1884 में रामपुर, बुशैहर रियासत में “दुम्ह” नामक विद्रोह की शुरुआत हुई तथा मंडी, सुकेत, चम्बा, नालागढ़, बिलासपुर, सिरमौर तथा बाघल आदि में भी स्वतन्त्रता प्राप्ति हेतु संघर्ष शुरू हो गये।

 

वर्ष 1885 में जब राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई तब कई संगठनों का भी जन्म हुआ। साथ ही छोटे-छोटे दस तथा संगठनों की भी शुरुआत हुई। अतः इन दलों ने कुछ मुख्य विद्रोहों को भी जन्म दिया। यह विद्रोह सकारात्मक रूप से प्रभावशाली रहे तथा अनेक संगठनों के द्वारा इन विद्रोहों में अपने योगदान भी प्रस्तुत किये गये। यह विद्रोह व स्वतन्त्रता संग्राम में इनका योगदान निम्नलिखित हैं-

Author: Ram Bhardwaj