1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् मुगल साम्राज्य का पतन प्रारम्भ हो गया। अहमदशाह अब्दाली ने 1748 से 1788 ई. के बीच 10 बार पंजाब पर आक्रमण कर मुगलों की कमर तोड़ दी। कांगड़ा के शासक घमण्डचन्द को अब्दाली द्वारा 1758 ई. में जालन्धर, दोआब तथा सतलुज और काँगड़ा के बीच के प्रदेशों के शासन का कार्यभार सौपा गया।

काँगड़ा का किला अभी भी अन्तिम मुगल अधिकारी सैफ अली खान के अधीन था। 1775 ई. में घमण्डचन्द का पोता संसारचन्द काँगड़ा की गद्दी पर बैठा, जिसकी सबसे बड़ी महत्त्वाकांक्षा किले को पुनः जीतने की थी जिसके लिए उसने प्रयास किया परन्तु असफल रहा। तब उसने सिख सरदार जयसिंह ‘कन्हैया’ की सहायता ली और दोनों की मिली-जुली सेनाओं ने 1781-1782 ई. में किले को घेर लिया।
मृत्युशैया पर पड़े बूढ़े नवाब की मृत्यु पर 1783 ई. में किलेदारों ने आत्म समर्पण कर दिया। सिखों की चतुराई से किला सिखों के हाथ में चला गया और इस प्रकार पहाड़ी राज्यों में मुस्लिम शासन का अन्त हुआ।
इसे भी पढ़ें
हिमाचल का इतिहास और अकबर | History of Himachal and Akbar
हिमाचल इतिहास और जहाँगीर, Himachal History and Jahangir
हिमाचल इतिहास और शाहजहाँ, Himachal History and Shahjahan
हिमाचल इतिहास और औरंगजेब, Himachal History and Aurangzeb
हिमाचल इतिहास, मुगल प्रशासन, कला और साहित्य
HP History : मुगलों का पतन और, राजाओं का विद्रोह
+ There are no comments
Add yours