Important History of Modern Shimla | आधुनिक शिमला का इतिहास

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● शिमला 1900 से 1920 ई. की घटनाएँ

1904 ई. में गोर्टन कैसल में सिविल सचिवालय को स्थानांतरित किया गया। 1907 में शिमला बस स्टैण्ड का निर्माण हुआ। 1913 ई. में चाबा विद्युत स्टेशन को बिजली पहुँचाई गई। लेडी रीडिंग ने 1914 ई. में लेडी रीडिंग अस्पताल बनवाया जो वर्तमान में कमला नेहरू अस्पताल के नाम से जाना जाता है।

विट्ठल भाई पटेल ने 1914 में शिमला में अवज्ञा आंदोलन चलाया 1914 ई. में मैकमोहन रेखा ( भारत-चीन सीमा रेखा) खींचने का निर्णय शिमला में लिया गया। 1914 ई. में सेंट बीड्ज कॉलेज की स्थापना हुई।

 

 शिमला 1920 से 1940 ई. की घटनाएँ

शिमला जिले से 1921 ई. में बेगार समाप्त किया गयामहात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी, लाला लाजपतराय और मदन मोहन मालवीय के साथ पहली बार 11 मई, 1921 ई. को शिमला आए और शांति कुटीर (समरहिल) में रुके। उन्होंने शिमला के ईदगाह में 15 हजार लोगों की सभा को सम्बोधित किया।

महात्मा गांधी दूसरी बार 1931 ई. में नेहरू, पटेल, डॉ. अंसारी और खान अब्दुल गफ्फार के साथ शिमला आए। लॉर्ड रीडिंग ने 1925 ई. में कौंसिल चेम्बर ( वर्तमान विधानसभा) का उद्घाटन किया। सेंट एडवर्ड स्कूल 1925 ई. में बना।

 शिमला 1940 से 1950 ई. की घटनाएँ

शिमला 1942 ई. से 1945 ई. तक बर्मा की प्रवासी सरकार का मुख्यालय था। 1945 ई. में शिमला कॉन्फ्रेन्स (वेवल सम्मेलन ) और 1946 ई. में कैबिनेट मिशन सम्मेलन शिमला में हुआ। पीटर हॉफ में पंजाब हाईकोर्ट स्थित था जिसमें गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे पर केस चलापीटरहॉफ पंजाब का गवर्नर हाउस भी था जिसमें 1981 ई. में आग लग गई थी।

दूसरे विश्वयुद्ध में विजय के उपलक्ष्य में 1945 ई. में शिमला में विक्टरी टनल का निर्माण किया गया। 1947 ई. में वॉयसरीगल लॉज को राष्ट्रपति निवास कहा जाने लगा जिसका नाम 1965 ई. में बदलकर भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (IIAS) रखा गया। इसका निर्माण लॉर्ड डफरिन ने करवाया था।

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