History of Modern Himachal – Guru Gobind Singh

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आधुनिक हिमाचल का इतिहास – गुरु गोविंद सिंह History of Modern Himachal – Guru Gobind Singh

दसवें गुरु गोविंद सिंह और कहलूर के राजा भीमचंद के बीच सफेद हाथी को लेकर मनमुटाव हुआ जिसे असम की रानी रतनराय ने दिया था। गुरु गोविंद सिंह 5 वर्षों तक पौंटा साहिब में रहे और दशम ग्रंथ की रचना की। गुरु गोविंद सिंह और कहलूर के राजा भीमचंद; उसके समधी गढ़वाल के फतेहशाह और हण्डूर के राजा हरिचंद के बीच 1686 ई. में ‘भगानी साहिब’ का युद्ध हुआ।

 

आधुनिक हिमाचल का इतिहास - गुरु गोविंद सिंह
आधुनिक हिमाचल का इतिहास – गुरु गोविंद सिंह

इस युद्ध में गुरु गोविंद सिंह ने जीत हासिल की। इस युद्ध में हण्डूर (नालागढ़) के राजा हरिचंद मारे गए। युद्ध के बाद गुरु गोविंद सिंह ने हरिचंद के उत्तराधिकारी को भूमि लौटा दी और भीमचंद के साथ भी उनके संबंध मधुर हो गए। राजा भीमचंद ने मुगलों के विरुद्ध गुरु गोविंद सिंह से सहायता माँगी। गुरु गोविंद सिंह ने नदौन में मुगलों को हराया।

 

मण्डी के राजा सिद्धसेन के समय गुरु गोविंद सिंह ने मण्डी और कुल्लू की यात्रा की। गुरु गोविंद सिंह ने 13 अप्रैल, 1699 ई. को बैसाखी के दिन आनंदपुर साहिब (मखेवाल) में 80 हजार सैनिकों के साथ खालसा पंथ की स्थापना की। गुरु गोविंद सिंह जी की 1708 ई. में नांदेड़ (महाराष्ट्र) में मृत्यु हो गई। बंदा बहादुर की मृत्यु के बाद सिख 12 मिसलों में बंट गए।

 

 

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