प्रागैतिहासिक काल हिमाचल प्रदेश का प्रागैतिहासिक काल में मध्य एशिया से आर्यों तथा भारत के मैदानी इलाकों से पहाड़ों पर लोगों के बसने का इतिहास प्रस्तुत करता है। मारकंडा और सिरसा-सतलुज घाटी में पाए गए औजार चालीस हजार वर्ष पुराने हैं। भारत के मैदानों से होकर आकर बसने वाले लोगों से पूर्व कोल जिन्हें आज […]
ऐतिहासिक स्त्रोत [ History Of Himachal] हिमाचल प्रदेश के इतिहास में प्राचीन काल के सिक्कों, शिलालेखों, साहित्य, यात्रा वृतांत और वंशावलियों के अध्ययन द्वारा हम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जो कि सीमित मात्रा में उपलब्ध है। जिनका विवरण निम्नलिखित हैं: : (i) सिक्के – हिमाचल प्रदेश में सिक्कों की खोज का काम हिमाचल प्रदेश […]
गुप्तकाल श्रीगुप्त को गुप्त साम्राज्य का संस्थापक माना जाता है। चन्द्रगुप्त प्रथम (319-20 ई.) का पुत्र समुद्रगुप्त महान् विजेता था। समुद्रगुप्त ( भारत का नेपोलियन) इस वंश का सबसे प्रतापी राजा था। हरिषेण के इलाहाबाद प्रशस्ति से पता चलता है कि पहाड़ों के सभी राजाओं ने उसकी अधीनता स्वीकार कर ली थी और समुद्रगुप्त को […]
मौर्योत्तर काल शुंग वंश (हिमाचल इतिहास) मौर्यों के पतन के बाद शुंग वंश पहाड़ी गणराज्यों को अपने अधीन रखने में अधिक सफल नहीं रहे। शुंग के शासन के समय इस पर्वतीय प्रदेश में ब्राह्मण धर्म और खासकर शैव धर्म का अत्यधिक विकास हुआ। पुष्यमित्र शुंग की मृत्यु के पश्चात् भारत के अनेक राज्य स्वतन्त्र हो […]
मौर्य काल (History of Himachal Maurya Period) सिकंदर के आक्रमण के पश्चात् चन्द्रगुप्त मौर्य ने भारत में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की। विविध स्रोतों के अनुसार, नन्दवंश को समाप्त करने के लिए चाणक्य ने इस क्षेत्र के राज्य त्रिगर्त जालन्धर के राजा पर्वतक या पर्वतेश से सन्धि करके सहायता माँगी थी। जैन ग्रन्थ ‘परिशिपर्वन’ […]
महाभारत काल और चार जनपद | Mahabharata period and four Janapadas महाभारत में चार जनपदों त्रिगर्त, औदुम्बर, कुलिंद और कुल्लूत का विवरण मिलता है। महाभारत काल के समय त्रिगर्त के राजा सुशर्मन (सुशर्मचन्द्र) ने महाभारत युद्ध में कौरवों की सहायता की थी। पाण्डवों ने अज्ञातवास का समय हिमाचल की ऊपरी पहाड़ियों में व्यतीत किया था। […]
Vedic period and Khas भारतीय आर्य मध्य एशिया से दक्षिण की ओर चलकर ईरान पहुँचे। इनमें से कुछ वहाँ बस गए और कुछ साहसिक झुण्ड पूर्व की ओर बढ़े और हिन्दुकुश पर्वत को पार कर सिन्धु तट तक आ गए, जिसे वे सप्त-सिन्धु अर्थात् सात नदियों का प्रदेश कहते थे। सप्त-सिन्धु प्रदेश में आर्यों […]
हिमाचल का प्राचीन इतिहास | स्मारक एवं इमारतें हिमाचल प्रदेश के इतिहास को जानने के लिए स्मारक तथा इमारतों को अछूता नहीं रखा जा सकता। हिमाचल प्रदेश में अनेक ऐसे स्मारक एवं इमारतें हैं, जो आज भी पुराने समय का इतिहास संजोए हैं। इन स्मारक एवं इमारतों में काँगड़ा का किला तथा काँगड़ा, चम्बा, निरमण्ड, […]
वंशावलियाँ Genealogies हिमाचल प्रदेश के इतिहास को जानने में वंशावलियों ने अपनी अहम छाप छोड़ी है। राजाओं द्वारा ये वंशावलियाँ विद्वानों से बनवाई जाती थीं। ये वंशावलियाँ पहाड़ी राजपरिवारों में बहुत संख्या में प्राप्त हुई हैं। Source of Himachal History – शिलालेख और ताम्रपत्र इन वंशावलियों की तरफ सर्वप्रथम विलियम मूरक्राफ्ट ने काम किया और […]
शिलालेख / ताम्र पत्र हिमाचल प्रदेश के प्राचीन इतिहास के अध्ययन में शिलालेख काफी सहायक सिद्ध हुए हैं। इनमें मण्डी में सलोणु का शिलालेख, काँगड़ा के पथयार और कनिहारा के शिलालेख, हाटकोटी में सूनपुर की गुफा का शिलालेख, जौनसार बाबर क्षेत्र में अशोक के शिलालेख प्रमुख हैं। इस सन्दर्भ में अभिलेख भी महत्त्वपूर्ण हैं। सिक्कों […]