हिमाचल हिल स्टेट्स रीजनल कौन्सिल
■ उदयपुर में 1945 अंत में ऑल इंडिया स्टेट्स पीपुल्स कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। अधिवेशन की समाप्ति के बाद पहाड़ी रियासतों से गए प्रजा मण्डल के प्रतिनिधियों ने वही पर अपने क्षेत्र में प्रजा मण्डल को सुचारू रूप से चलाने के लिए जनवरी 1946 में ‘हिमाचल हिल स्टेट्स रीजनल कौन्सिल’ नाम की संस्था का गठन किया। स्वामी पूर्णानंद को इसका प्रधान तथा मण्डी में उनका कार्यालय बनाया गया। पंडित पद्मदेव को इस संस्था का मुख्य सचिव बनाया गया और उनका कार्यालय शिमला में रखा गया। इसके अलावा श्याम बंद नेगी को उप-प्रधान तथा शिवानंद रमौल को संयुक्त सचिव बनाया गया।

■ 8 से 10 मार्च, 1946 को हिमाचल हिल स्टेट्स रीजनल कौन्सिल’ का पहला सम्मेलन मण्डी में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता करने के लिए आजाद हिंद फौज के सुप्रसिद्ध सेनानी कर्नल गुरदयाल सिंह ढिल्लों भी मण्डी आए।
■ नाहन-सिरमौर में 31 अगस्त और सितंबर, 1946 को ‘हिमाचल हिल स्टेट्स रीजनल कौन्सिल’ सम्मेलन आयोजित किया गया। इसका आयोजन प्रजा मण्डल सिरमौर के नेता राजेंद्र दत्त, शिवानंद रमौल, डॉ. देवेंद्र सिंह, हितेंद्र सिंह, धर्म नारायण, हरीचंद्र पाधा और उनके सहयोगी आंदोलनकारियों द्वारा किया गया। इस सम्मेलन से सिरमौर रियासत में अभूतपूर्व जागृति पैदा हुई जिससे रियासती सरकार की जड़े हल गई।
■ शिमला में 1 मार्च, 1947 को ‘हिमाचल हिल स्टेट्स रीजनल कौन्सिल की बैठक हुई। इसमें कौन्सिल के पदाधिकारियों के चुनाव हुए। डॉ. यशवंत सिंह परमार को कौन्सिल का प्रधान और पंडित पद्मदेव को इसका महामंत्री चुना गया।
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