हिमाचल में और IAS-IPS नहीं चाहिए, सरकार ने कैडर अलॉटमेंट से पहले भारत सरकार को भेजा पत्र

Himachal doesn't need any more IAS-IPS officers

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देश पर राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। कार्मिक विभाग की सचिव ने भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखकर यह सूचित किया है कि हिमाचल को इस साल नए कैडर में आईएएस और आईपीएस अधिकारी नहीं चाहिए। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि इनकी कैडर स्ट्रैंथ को कम किया जा सके।

हिमाचल में और IAS-IPS नहीं चाहिए
हिमाचल में और IAS-IPS नहीं चाहिए

राज्य सरकार ने केंद्र से नए कोटे में आने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश के लिए मना कर दिया है। दरअसल, केंद्र सरकार का कार्मिक विभाग हर वर्ष प्रदेशों से अपनी जरूरत के मुताबिक आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की संख्या मांगती है, ताकि उतने अधिकारी प्रदेश को प्रदान किए जा सकें। सूत्रों के मुताबिक नए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की फाइल को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रिजेक्ट कर दिया है और नए अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश में लाने से बना कर दिया है।

 

पहले राज्य सरकार अपनी जरूरत के मुताबिक वर्तमान कैडर की समीक्षा करेगी और उसके बाद इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों का आईएएस में 153 का कैडर हिमाचल में है। इनमें से 107 डायरेक्ट अफसर हैं, जबकि प्रोमोशन के जरिए 40 पदों को भरा जाता है। इसके लिए सीनियर ड्यूटी पोस्ट 84 हैं और केंद्रीय डेपुटेशन और स्टेट डेपुटेशन मिलकर 54 पद रखे गए हैं। अब राज्य सरकार इस संख्या की समीक्षा करना चाहती है।

 

हालांकि इस फैसले का असर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर कितना पड़ेगा, यह बाद में पता चलेगा। हिमाचल को भारत सरकार से अलग-अलग वर्ष में अलग-अलग संख्या के अफसर मिलते रहे हैं। यह औसत एक से छह तक रही है। राज्य ने पहली बार लिखित तौर पर केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को और अधिकारी न देने के लिए कहा है।

Himachal News : ब्वॉयज-गर्ल्स स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी, शिक्षा निदेशालय सरकार को भेजेगा रिपोर्ट

Follow Facebook Page