NITI Aayog launched Geospatial Energy Map of India
सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ने 18 अक्टूबर, 2021 को भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र (Geospatial Energy Map of India) लॉन्च किया।
मुख्य बिंदु ( main point )
भारत का यह भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र तेल और गैस के कुओं, पेट्रोलियम रिफाइनरियों, पारंपरिक बिजली संयंत्रों, कोयला क्षेत्रों और कोयला ब्लॉकों जैसे सभी ऊर्जा संसाधनों की एक समग्र तस्वीर प्रदान करता है।
भारत के GIS आधारित ऊर्जा मानचित्र का उपयोग ( Using GIS Based Energy Map of India )
ऊर्जा संपत्तियों की GIS मैपिंग भारत में ऊर्जा क्षेत्र की अन्योन्याश्रयता (interdependence) और बड़े भौगोलिक वितरण को देखते हुए वास्तविक समय और एकीकृत योजना सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
- ऊर्जा बाजारों में दक्षता हासिल करने की अपार संभावनाएं हैं।
- ऊर्जा परिसंपत्तियों का ऐसा मानचित्रण सभी संबंधित हितधारकों के लिए सहायक होगा।
- इससे नीति निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने में भी मदद मिलेगी।
GIS मानचित्र को किसने विकसित किया है?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सहयोग से नीति आयोग द्वारा भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र लॉन्च किया गया है। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने भी इस प्लेटफॉर्म को विकसित करने में अपना सहयोग प्रदान किया है।
GIS मानचित्र का महत्व ( Importance of GIS Maps )
GIS नक्शा भारत के सभी ऊर्जा संसाधनों की एक समग्र तस्वीर प्रदान करेगा, जो बदले में पारंपरिक बिजली संयंत्रों, पेट्रोलियम रिफाइनरियों, तेल और गैस के कुओं, पेट्रोलियम रिफाइनरियों, कोयला क्षेत्रों और कोयला ब्लॉक, नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन क्षमता और जैसे ऊर्जा प्रतिष्ठानों को विसुअलाइज करने में मदद करेगा।

यह नक्शा भारत में ऊर्जा उत्पादन और वितरण का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए ऊर्जा के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्रोतों के साथ-साथ उनके परिवहन / संचरण नेटवर्क की पहचान और पता लगाएगा।
पहल का उद्देश्य
इस मंच को कई संगठनों में बिखरे हुए ऊर्जा डेटा को एकीकृत करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है।