CAG REPORT : शुक्रवार को सदन में पेश की गई कैग की रिपोर्ट ने घाटे में चल रहे बोर्ड-निगमों की सही तस्वीर सामने लाई। राज्य सरकार बोर्ड-निगमों में धड़ल्ले से चेयरमैन-वाइस चेयरमैन के पदों को भर रही है। इसके चलते हिमाचल प्रदेश के 13 निगम और बोर्ड इस समय घाटे में चल रहे हैं।

इनमें सबसे ज्यादा खराब वित्तीय स्थिति हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड की है। बोर्ड का घाटा बढ़ कर 2043.85 करोड़ रुपए पहुंच गया है। कमोवेश यही स्थिति हिमाचल पथ परिवहन निगम की है। एचआरटीसी का वित्तीय घाटा 1232.48 करोड़ तक पहुंच गया है।
इसी तरह वित्त निगम को 166.56 करोड़ रुपए का घाटा आंका गया है। विधानसभा में वर्ष 2018-19 की कैग रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। उल्लेखनीय है कि सरकार की तरफ से इनमें से कई निगम-बोर्डों में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों की तैनाती की गई है। विधानसभा के पिछले सत्र में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी गई थी कि प्रदेश में घाटे में चल रहे 11 निगम एवं एक बोर्ड में अध्यक्ष-उपाध्यक्षों पर बीते तीन साल में बड़ी राशि खर्च की गई थी।
इनमें पर्यटन निगम में 2.67 लाख रुपए, ऊर्जा निगम में 5.45 लाख रुपए, एससी एंड एसटी निगम में 13.33 लाख रुपए के साथ एचपीएमसी को 13.42 लाख रुपए, वन निगम में 30.16 लाख रुपए, एचआरटीसी में 56.75 लाख रुपए, हस्तशिल्प व हथकरघा निगम में 28.57 लाख रुपए व्यय किए गए थे।
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