केंद्रीय बजट में सेब पर आयात शुल्क शत-प्रतिशत न होने से प्रदेश के लाखों बागवान निराश हुए हैं। कृषि उपकरणों पर जीएसटी न घटाने से किसानों पर आर्थिक मार पड़ेगी। इन्हें महंगे उपकरण खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। हिमाचल प्रदेश सब्जी एवं फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने कहा कि हिमाचल के सेब पर संकट खड़ा होगा और बागवानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। सरकार ने ट्रैक्टर और महंगे वाहनों के टायरों पर जीएसटी 28 फीसदी किया हैै।
अमीरों और किसानों को एक ही श्रेणी में ला दिया है। कृषि उपकरणों पर भी जीएसटी 15 से 18 फीसदी कर दिया है, जो अन्याय है। विदेशों से आयात किए उपकरणों पर आयात शुल्क कम होगा जबकि इसका लाभ कारपोरेट घरानों को ही होगा, किसानों को कोई फायदा नहीं है।
हिमाचल प्रदेश किसान संघर्ष समिति के महासचिव संजय चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र सरकार से मामला उठाया था कि सेब पर आयात शुल्क शत-प्रतिशत किया जाए लेकिन उनकी सुनवाई भी नहीं हुई। बजट में किसानों और बागवानों को कोई राहत नहीं दी गई है। बजट में कृषि और बागवानी क्षेत्र की उपेक्षा की गई है।