बिलासपुर : Bilaspur district of Himachal Pradesh
जनसंख्या – 3,82,056, लिंगानुपात – 981, जनसंख्या घनत्व- 327, साक्षरता-85.87% (i) मुख्यालय – बिलासपुर (610 मीटर); क्षेत्रफल – 1,167 वर्ग किमी. ।
(ii) बिलासपुर इतिहास?
बिलासपुर को पहले कहलूर रियासत के नाम से जाना जाता था। कहलूर रियासत की स्थापना 900 ई. में चन्देल राजपूत बीरचंद ने की जो, शिशुपाल का वंशज माना जाता है। उसने नैना देवी के नीचे किला बनाकर राजधानी बनाई, जिसे कोट कहलूर के नाम से जाना गया। 1570 ई. में ज्ञानचंद के शासन के दौरान मुगलों ने कहलूर पर कब्जा किया।
1654 ई. में राजा दीपचंद ने राजधानी को कोट कहलूर से सतलुज नदी के किनारे व्यास ऋषि की गुफा के पास ब्यासपुर में स्थानांतरित किया, जो बाद में बिलासपुर कहलाया। राजा भीमंचद (कहलूर) ने 1682 ई., 1686 ई. व 1700 ई. में पड़ोसी राजाओं की सहायता से गुरु गोविंद सिंह पर आक्रमण किया व हर बार पराजित हुआ। 1795 ई. में कांगड़ा के राजा संसारचंद ने बिलासपुर पर आक्रमण किया। उस समय वहां का राजा महानचंद था। महानचंद ने गोरखों से मदद मांगी।
1805 ई. में संसारचंद महलमोरियों में हार गया तथा 1814 ई. तक बिलासपुर गोरखों के अधीन रहा। 1857 ई. की क्रांति के समय बिलासपुर के राजा हीराचंद ने अंग्रेजों का भरपूर साथ दिया। 1884 ई. से 1888 ई. में अमरचंद के शासनकाल में झुग्गा आंदोलन हुआ। स्वांग बिलासपुर का प्रमुख नाटक है।
(iii) झुग्गा आंदोलन ?
राजा के अत्याचारों का विरोध करने के लिए गेहड़वी के ब्राह्मण झुग्गियां बनाकर रहने लगे और झुग्गों पर अपने इष्ट देवता के झण्डे लगाकर कई दिनों तक कष्ट सहा । राजा के गिरफ्तार करने से पहले ही ब्राह्मण झुग्गों में आग लगाकर जल मरे । जनता भड़क गई और अन्त में राजा को बेगार प्रथा खत्म कर प्रशासनिक सुधार करने पड़े।
(iv) बिलासपुर के अन्तिम शासक आनंद चंद थे। उन्होंने 12 अक्तूबर, 1948 ई. को बिलासपुर के भारत में विलय की घोषणा की। बिलासपुर को ‘ग’ श्रेणी का राज्य बनाया गया और आनंद चंद बिलासपुर के प्रथम मुख्य आयुक्त बने। 1 जुलाई, 1954 ई. को ‘ग’ श्रेणी के बिलासपुर को हिमाचल में मिलाया गया और यह हिमाचल प्रदेश का पांचवाँ जिला बना। बिलासपुर क्षेत्रफल के आधार पर हिमाचल का दूसरा सबसे छोटा जिला है।

(v) बिलासपुर धार्मिक स्थल व मेले–
1. नैना देवी?
नैना देवी में विष्णु भगवान के चक्र से सती के नयन गिरे थे। दुर्गा ने यहीं महिषासुर का वध किया गया। नैना देवी मंदिर को राजा वीरचंद ने बनवाया था।
2. शाहतलाई ?
शाहतलाई में बाबा बालकनाथ की तपोभूमि है ।
3. गुग्गा भटेड़?
– गुग्गा भटेड़ में गुग्गा मंदिर है, जहां गुग्गा मेला लगता है ।
4. बिलासपुर में गोपाल जी मंदिर व रंगनाथ मंदिर हैं ।
5. मारकण्डा मेला अप्रैल महीने में बिलासपुर में लगता है ।
नलवाड़ी मेला?
नलवाड़ी मेला अप्रैल के महीने में बिलासपुर में लगता है। इस मेले को पशुओं के व्यापार के लिए भी जाना जाता है । 1889 ई. में डब्ल्यू. गोल्डस्टीन ने इस मेले को शुरू करवाया। पहले यह मेला साढू मैदान में लगता था, पर भाखड़ा बांध बनने के बाद यह लुहणु मैदान में लगता है।
स्थान-
1. बरठी में नवोदय विद्यालय है।
2. रघुनाथपुरा में बिरोजा फैक्टरी है।
3. हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी कृत्रिम झील गोविंद सागर और भाखड़ा नांगल परियोजना बिलासपुर में स्थित है।
4. एशिया का सबसे ऊँचा कंदरौर पुल (255 मीटर लम्बा, 7 मीटर चौड़ा और 60 मीटर ऊंचा) बिलासपुर में स्थित है। सलापड़ पुल भी बिलासपुर में है ।
5. देओली (बिलासपुर) में एशिया का सबसे बड़ा मछली पालन केन्द्र है।
6. कोठीपुरा में पशु प्रजनन केन्द्र स्थित है।
7. स्वारघाट में पशु रोग नियंत्रण कक्ष स्थित है।
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