हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के खराब रहे स्नातक प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणाम को लेकर बाद गठित कमेटी ने मामले की जांच पूरी कर ली है। विवि के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल की अध्यक्षता में हुई कमेटी की बैठक में खराब परिणाम से जुड़े परीक्षार्थियों के दो बार करवाए गए पुनर्मूल्यांकन की रिपोर्ट रखी गई। सामने आए तथ्यों के आधार पर बताया कि पहले और तीसरे ऑन स्क्रीन मूल्यांकन में महज 4.38 फीसदी का अंतर मिला है।

तीसरी बार हुए मूल्यांकन में करीब 131 छात्र उर्त्तीण हुए है। जांच कमेटी के पुनर्मूल्यांकन को लिए गए सबसे खराब परिणाम वाले दस कॉलेजों के करीब 3300 छात्रों के हर विषय के सैंपल उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन दूसरी बार करवाया गया, इसके बाद कमेटी ने दस से अधिक अंक के अंतर वाले करीब 2100 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का तीसरी बार मूल्यांकन करवाया। पहले और तीसरे मूल्यांकन में महज 4.38 फीसदी का अंतर पाया गया है।

जांच कमेटी ने पाया कि प्रथम वर्ष की परीक्षा में पर्यावरण विज्ञान और भाषा विषयों में अधिक छात्र फेल हुए है। पर्यावरण विज्ञान में प्रदेशभर शिक्षक न होना इसकी वजह रही। इसको देखते हुए कमेटी ने पर्यावरण विज्ञान में फेल हुए छात्रों को पांच ग्रेस अंक दिए जाने की रिपोर्ट में सिफारिश की है। कमेटी जल्द कुलपति को अपनी रिपोर्ट सिफारिश के साथ सौंपेगी।

सिफारिश के अनुरूप छात्रों को ग्रेस दिए जाने का निर्णय कुलपति के स्तर पर होना है। इससे सैकड़ों फेल छात्र इस विषय में पास हो सकते है। जांच में ईआरपी सिस्टम और ऑन स्क्रीन मूल्यांकन में कोई चूक नहीं मिली है। बैठक में जांच कमेटी के प्रो. कुलभूषण चंदेल, परीक्षा नियंत्रक डा. जेएस नेगी, डीन सीडीसी प्रो. खेम चंद ठाकुर, डीएसडबलू प्रो. नैन जीत सिंह सहित अन्य सदस्य भी शामिल हुए।
HPU UG Result Case