लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध के बीच अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन की राय लेने के बाद सहकारिता राज्य मंत्री बीएल बर्मा ने बहुराज्यीय सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक 2022 बुधवार को सदन में पेश किया। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक का विरोध किया और कहा कि यह राज्यों का विषय है।
उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लाकर केंद्र सरकार राज्यों के मामलों में हस्तक्षेप करना चाहती है। उनका कहना था कि यह राज्यों का विषय है और इस विधेयक को बनाते समय राज्यों को विश्वास में लाया जाना चाहिए था।

उन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक को लाकर सरकार राज्यों के कोपरेटिव से जुड़े अधिकारों पर हस्तक्षेप करना चाहती है। कांग्रेस के मनीष चौधरी तथा आरएसपी के के प्रेमचंद्रन ने भी विधेयक को नियमों के विरुद्ध बताते हुए इसका विरोध किया और कहा कि इसे सदन में लाने से पहले स्थायी समिति में भेजा जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह असंवैधानिक है और सहकारी समितियों के विरुद्ध है। उनका कहना था कि विधेयक संशोधन के लिए 2011 में भी लाया गया था लेकिन राज्यों के अधिकारों कों देखते हुए इसे खत्म किया गया था। द्रमुक के टी आर बालू ने भी विधेयक का विरोध किया और कहा कि यह विधेयक नियमों के विरुद्ध है।
Multi-State Cooperative Societies (Amendment) Bill introduced in Lok Sabha