शिलालेख / ताम्र पत्र
हिमाचल प्रदेश के प्राचीन इतिहास के अध्ययन में शिलालेख काफी सहायक सिद्ध हुए हैं। इनमें मण्डी में सलोणु का शिलालेख, काँगड़ा के पथयार और कनिहारा के शिलालेख, हाटकोटी में सूनपुर की गुफा का शिलालेख, जौनसार बाबर क्षेत्र में अशोक के शिलालेख प्रमुख हैं।

इस सन्दर्भ में अभिलेख भी महत्त्वपूर्ण हैं। सिक्कों पर मिले अभिलेख त्रिगर्त, कुलिंद तथा औदुम्बरों के गणराज्य या उनके राजाओं का उल्लेख करते हैं। ये अभिलेख फरमान या सनद हैं, जो एक शासक द्वारा दूसरे शासक को, अफसर को, विद्वान् को तथा सर्वसाधारण जनता को लिखवाए जाते थे।
सिक्के (मुद्रा)
इन शिलालेखों / अभिलेखों द्वारा हिमाचल प्रदेश के प्राचीन समय की सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती है। बैजनाथ के एक मन्दिर से प्राप्त गुप्तोत्तरकालीन अभिलेख, कुल्लू में सालरू में गुप्तकालीन अभिलेख, निरमण्ड से प्राप्त ताम्र पत्र आदि प्रमुख हैं।

इसके अलावा चम्बा और से कुल्लू लगभग दो सौ ताम्र पत्र प्राप्त हुए हैं, जो प्राचीन इतिहास की कड़ी जोड़ने में सहायक हैं। चम्बा के भूरी सिंह म्यूजियम में चम्बा से प्राप्त 36 अभिलेखों को रखा गया है जो कि शारदा और टांकरी लिपियों में लिखे हुए हैं।

