हिमाचल का इतिहास | important Himachal History | साहित्य

हिमाचल का इतिहास | Himachal History

हिमाचल प्रदेश के इतिहास अध्ययन के लिए संस्कृत साहित्य का अहम् योगदान रहा है। इस साहित्य के अंतर्गत वैदिक ग्रंथों, पुराणों में यहाँ के लोगों के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक जीवन का वर्णन किया गया है। इसके अलावा इन प्राचीन ग्रंथों में यहाँ के भूगोल पर भी प्रकाश डाला गया है । यद्यपि प्रमुख घटनाओं का क्रम भ्रान्तिपूर्ण व कल्पनायुक्त लगता है।

History of Himachal Pradesh
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‘रामायण’, ‘महाभारत’, ‘वृहत्संहिता’, पाणिनी की ‘अष्टाध्यायी’, कालिदास का ‘रघुवंशम्’, विशाखदत्त की ‘मुद्राराक्षस’, ‘देवीचन्द्रगुप्त’ आदि में हिमालय में निवास करने वाली जनजातियों का विवरण मिलता है। इसके अलावा कल्हण की ‘राजतरंगिणी’ विशेष उपयोगी है। इसका रचना काल 1150 ईसवी के आस-पास है। कल्हण कश्मीर के नरेश राजा जयसिंह के दरबार में रहता था। पूज्यभट्ट व उसके शिष्य शुष्क के इतिहास ग्रन्थ में भी कश्मीर के साथ लगते हिमाचल के क्षेत्र का वर्णन प्राप्त होता है।

History of Himachal Pradesh

 

इसके अलावा ‘तारीख-ए-फिरोजशाही’ और ‘तारीख-एफरिश्ता‘ में नागरकोट किले पर फिरोजशाह तुगलक के हमले का प्रमाण मिलता है। ‘तुजुक-ए-जहाँगीरी’ में जहाँगीर के काँगड़ा आक्रमण तथा ‘तुजुक-ए-तैमूरी’ से तैमूर लंग के शिवालिक पर आक्रमण की जानकारी प्राप्त होती है।

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