गुप्त वंश की समाप्ति का मुख्य कारण हूणों का आक्रमण था। ‘तोरमाण’ हूणों का प्रमुख राजा था। उसने 480-490 ई. के बीच गुप्त साम्राज्य पर आक्रमण किया था। तोरमाण के नेतृत्व में ही हूणों ने 521 ई. में पश्चिमी हिमालय पर आक्रमण किया।
तोरमाण के बाद उसके पुत्र ‘मिहिरकुल’ ने 525 ई. में पंजाब से लेकर मध्य भारत तक के क्षेत्र पर विजय प्राप्त की। मिहिरकुल को ‘भारत का एटिला‘ कहा जाता था।

उसे मगध सम्राट नरसिंह बालादित्य और यशोवर्मन ने पराजित किया। इस हार के बाद वह कश्मीर पलायन कर गया । हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले गुज्जर और गद्दी स्वयं को हूणों के वंशज मानते हैं।
+ There are no comments
Add yours