अकबर पहाड़ी राजाओं को अपनी अधीनता स्वीकार करने के लिए उनके बच्चों या रिश्तेदारों को दरबार में बंधक के तौर पर रखता था। अकबर ने काँगड़ा के राजा जयचंद को बंधक बनाया। जयचंद के पुत्र बिधीचंद ने अकबर के विरुद्ध नूरपुर के राजा तख्तमल के साथ मिलकर विद्रोह किया। अकबर ने बीरबल को हुसैन कुली खान के साथ मिलकर इस विद्रोह को दबाने के लिए भेजा।

1572 ई. में अकबर ने टोडरमल को पहाड़ी रियासतों की जमीनें लेकर एक शाही जमींदारी स्थापित करने के लिए नियुक्त किया। इस जमींदारी में काँगड़ा घाटी के छियासठ गाँव, चम्बा से रिहलू, छेरी, घारों एवं पथियार तथा अन्य पहाड़ी रियासतों से उनके साधनों और भू-क्षेत्रों के अनुरूप भू-खण्ड ले लिए गए।
राजा जयचंद की 1585 में मुत्यु के बाद उसका बेटा बिधीचंद राजा बना। उसने अपने पुत्र त्रिलोक चंद को बंधक के तौर पर मुगल दरबार में रखा। चम्बा का राजा प्रताप सिंह वर्मन अकबर का समकालीन था। वह मुगलों के प्रति समर्पित था । सिरमौर का राजा धर्मप्रकाश (1538-1570 ई.) अकबर का समकालीन था ।
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हिमाचल का इतिहास और अकबर | History of Himachal and Akbar
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