हिमाचल इतिहास और शाहजहाँ, Himachal History and Shahjahan

Estimated read time 1 min read

1627 ई. में शाहजहाँ के गद्दी पर बैठने के बाद जगत सिंह का मनसब फिर सुनिश्चित कर दिया गया। 1634 ई. में उसे बंगाल का थानेदार बनाया गया जोकि कुरजम घाटी में है। उसे कोहाट में विद्रोहियों को दबाने का काम भी सौपा गया। तीन वर्ष पश्चात् उसे काबुल प्रान्त से जोड़ दिया गया और एक वर्ष पश्चात् वह पुनः लाहौर लौट आया, जहाँ उसको बादशाह ने सम्मानित किया और बंगाल का फौजदार बना दिया।

 

हिमाचल इतिहास और शाहजहाँ, Himachal History and Shahjahan
Himachal History and Shahjahan

नवाब असदुल्ला खान और कोच कुलीखान शाहजहाँ के शासन काल में काँगड़ा किले के मुगल किलेदार बने। कोच कुलीखान 17 वर्षों तक मुगल किलेदार रहा। उसे बाण गंगा नदी के पास दफनाया गया था। सिरमौर का राजा मन्धाता प्रकाश ने मुगलों के गढ़वाल अभियान में कई बार उनकी सहायता की थी। वह शाहजहाँ का समकालीन था।

 

इसे भी पढ़ें

हिमाचल का इतिहास, मुगल शासन, बाबर, शेरशाह सूरी

हिमाचल का इतिहास और अकबर | History of Himachal and Akbar

हिमाचल इतिहास और जहाँगीर, Himachal History and Jahangir

काँगड़ा किले का पहला मुगल किलेदार, नवाब अलीखान (nawab ali khan)

facebook

youtube

हिमाचल इतिहास और शाहजहाँ, Himachal History and Shahjahan

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours