Pm Kisan Samman Nidhi Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 20.48 लाख अयोग्य लाभार्थियों को 1364 करोड़ रुपए का भुगतान हुआ है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई सूचना के जवाब में दी है।

सरकार ने अभी हाल ही में 25 दिसंबर को लाभार्थी किसानों के खातों में सातवीं किस्त के तहत 2000 रुपए ट्रांसफर किए थे। इस जानकारी के सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने चुनावी फायदा उठाने के लिए यह योजना शुरू की थी और सरकारी खजाना लुटाने से पहले यह भी नहीं सोचा कि लाभ लेने वाले इसके हकदार हैं भी या नहीं।

आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि अयोग्य लाभार्थियों की दो श्रेणियों की पहचान की गई है, जिनमें पहले अर्हता पूरी नहीं करने वाले किसान हैं, जबकि दूसरी श्रेणी आयकर भरने वाले किसानों की है। आरटीआई आवेदक वेंकटेश नायक ने ये आंकड़े सरकार से प्राप्त किए।
उन्होंने कहा कि अयोग्य लाभार्थियों में आधे से अधिक (55.58 प्रतिशत) आयकरदाता की श्रेणी में हैं। बाकी 44.41 प्रतिशत वे किसान हैं, जो योजना की अर्हता पूरी नहीं करते हैं।

नायक ने कहा कि सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त सूचना से पता चलता है कि वर्ष 2019 में शुरू हुई पीएम किसान योजना के तहत जुलाई 2020 तक अयोग्य लाभार्थियों को 1364 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इन फर्जी लाभार्थियों की संख्या 20.48 लाख बताई गई है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में की थी और इसके तहत सीमांत या छोटे किसानों या जिनके पास दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है, उन्हें साल में तीन बराबर-बराबर किस्तों में कुल छह हजार रुपए की राशि दी जाती है।
पांच राज्यों में सबसे ज्यादा फर्जी लाभार्थी
सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राप्त सूचना से पता चलता है कि वर्ष 2019 में शुरू हुई पीएम किसान योजना के तहत जुलाई 2020 तक अयोग्य लाभार्थियों को 1364 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
आंकड़ों के मुताबिक अयोग्य लाभार्थियों की बड़ी संख्या पांच राज्यों पंजाब, असम, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में है। गौरतलब है कि अब केंद्र सरकार ने इन फर्जी लाभार्थियों के नाम हटाने शुरू कर दिए हैं और इस पर कार्रवाई की भी तैयारी है।
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