HP-PERC: इन दो यूनिवर्सिटी के वीसी का आज तय होगा भविष्य

HP-PERC : इंडस और एपीजी शिमला विवि के कुलपतियों के भविष्य का आज फैसला होगा। दोनों विश्वविद्यालयों के चांसलरों की मंगलवार को निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की अदालत में पेशी होगी।

आयोग ने इन दोनों विवि के कुलपतियों को अयोग्य करार देते हुए संबंधित चांसलरों को इनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था लेकिन अभी तक चांसलरों की ओेर से आयोग को इस बाबत कोई जानकारी नहीं दी गई है।
ऐसे में आयोग ने दोनों विवि के चांसलर तलब किए हैं। अगर चांसलर आयोग कार्यालय नहीं आते हैं तो आयोग की ओर से स्वयं इन विवि के अयोग्य कुलपतियों के खिलाफ कार्रवाई की जएगी।

उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा देने के लिए निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने बीते दिनों प्रदेश में सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की शैक्षणिक योग्यता और नियुक्ति प्रक्रिया की जांच की है।
दस निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को जांच पूरी करने के बाद अयोग्य करार दिया गया। इनमें से दो कुलपतियों की आयु यूजीसी से निर्धारित आयु से अधिक पाई गई जबकि आठ कुलपतियों के पास बतौर प्रोफेसर दस साल का अनुभव नहीं था और प्रोफेसर लगने के समय पीएचडी नहीं थी।

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनील गुप्ता की अध्यक्षता में बनाई गई जांच कमेटी में राज्य तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय और क्लस्टर विश्वविद्यालय के कुलपति बतौर सदस्य शामिल किए गए थे।
जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद तीन विश्वविद्यालयों बाहरा, शूलिनी और बद्दी विवि के कुलपतियों ने अपने पद से इस्तीफे दे दिए। सात विवि की ओर से जांच कमेटी को दोबारा से विचार करने का आवेदन किया गया था। दूसरी बार हुई जांच में छह कुलपति फिर अयोग्य बताए गए।
इस पर आयोग ने संबंधित विवि के चांसलर को पत्र लिखकर इन पर कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसी कड़ी में अरनी और एमएमयू के चांसलरों ने कुलपतियों को पद से हटाने के आदेश देने की आयोग को सूचना दी। इसके बाद चितकारा विवि ने भी कुलपति को पद से हटाने की बात कह दी है।
आईसीएफएआई विवि की ओर से मामले को दोबारा से रिव्यू करने का आवेदन किया गया है। जबकि दो विवि की ओर से आयोग को कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में आयोग ने इनके चांसलरों को बुलाया है।
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