UGC rules: हिमाचल प्रदेश में उच्च शिक्षा दे रहे दो और निजी विश्वविद्यालयों इंडस और एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी के कुलपतियों ने भी अपने पद छोड़ दिए हैं।
निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग को इन दोनों विश्वविद्यालयों के चांसलरों ने ई-मेल भेजकर कुलपतियों के इस्तीफे देने की सूचना दी है।

दोनों विवि के अयोग्य करार कुलपतियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई न किए जाने पर आयोग ने मंगलवार को चांसलरों को तलब किया था। चांसलरों ने आयोग के समक्ष पेश होने के बजाय ई-मेल भेजकर कुलपतियों के इस्तीफे की सूचना दी।

आईसीएफएआई विवि के कुलपति ने आयोग को उन्हें अयोग्य बताए जाने के मामले की दोबारा जांच का आवेदन किया है। आयोग ने इनसे आवश्यक दस्तावेज तलब किए हैं।
आयोग की सख्ती के बाद अब तक प्रदेश के आठ निजी विवि के कुलपति पद छोड़ चुके हैं।

आयोग ने बीते साल नवंबर में प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की शैक्षणिक योग्यता और नियुक्ति प्रक्रिया जांचने का फैसला लिया था। जांच के लिए प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुनील गुप्ता की अध्यक्षता में कमेटी बनी। कमेटी में तकनीकी विवि और क्लस्टर विवि के कुलपतियों को बतौर सदस्य शामिल किया।
कमेटी ने 16 निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का रिकॉर्ड जांचने के बाद दस कुलपतियों को अयोग्य करार दिया। मानव भारती विवि के खिलाफ जारी पुलिस कार्रवाई के चलते इस विवि की आयोग ने जांच नहीं की। जांच पूरी होते ही तीन कुलपतियों ने पद छोड़ दिया।
सात कुलपतियों ने दोबारा आयोग से विचार करने का आवेदन किया। दूसरी बार छह विवि के कुलपति फिर अयोग्य पाए गए। एक को योग्य पाया। इन छह में से पांच ने अब इस्तीफे दे दिए हैं। एक कुलपति ने दोबारा जांच को आवेदन किया है।
अब निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों पर कसा शिकंजा

नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि अब निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों की नियुक्ति प्रक्रिया और शैक्षणिक योग्यता की जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व प्रो. वीसी एनके शारदा की अध्यक्षता में जांच कमेटी दस्तावेजों की जांच में जुटी है। कई प्रिंसिपलों की नियुक्तियां संदेह के घेरे में हैं। जनवरी अंत तक जांच पूरी होगी। इसके बाद निजी विवि में नियुक्त शिक्षकों की पड़ताल की जाएगी।
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